पटना के एक बैंक मैनेजर समेत तीन कारोबारियों से महाराष्ट्र के औरंगाबाद के ऑरबिट इलेक्ट्रोमेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तीन संचालकों द्वारा 1.19 करोड़ की ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है. तीनों संचालक सुनील राय, अनिल राय व प्रवीण राय सहोदर भाई हैं और भोजपुर के रहने वाले हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ में बस गये हैं और कंपनी के माध्यम से कई तरह के व्यवसाय से जुड़े हैं. इन तीनों के खिलाफ बैंक मैनेजर मणिकांत सिंह ने कोतवाली थाने में लिखित शिकायत की है. उसकी शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर कोतवाली पुलिस जांच कर रही है.
मुनाफे का लालच देकर बनाया शिकार
बैंक मैनेजर ने अपनी शिकायत में 1.19 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप लगाया है. उन्होंने पुलिस को बताया कि उन्हें और उनके माध्यम से तीन कंपनियों ब्रॉडसन, मगध हाइटेक, रॉयल प्रीमियम के निदेशकों को इन लोगों ने अपनी कंपनी में निवेश करने पर पार्टनर बना कर मुनाफा देने के नाम पर रकम की ठगी की है. बैंक मैनेजर के अनुसार, ठगी के शिकार हुए लोगों ने कंपनी में करीब 6.77 करोड़ का इंवेस्टमेंट किया, लेकिन जब हिसाब हुआ तो कंपनी के अनिल राय पर 1.19 करोड़ का बकाया होने की जानकारी मिली. अनिल राय ने चेक से पैसा भी दिया, लेकिन उसके खाते में कुछ नहीं था.
पहले दोस्त बना और फिर निवेश करने पर पार्टनर बनाने का दिया झांसा
शिकायत के अनुसार, बैंक मैनेजर को एक व्यक्ति ने अनिल राय से दोस्ती करायी थी. अनिल राय ने अपने आप को लोहा का कारोबारी बताया था और फिर अपनी कंपनी में निवेश करने का झांसा दिया. बैंक मैनेजर व उनकी पत्नी के अलावा ब्रॉडसन कंस्ट्रक्शन एंड मार्केटिंग के निदेशक नीलमणि उर्फ कुंदन ने दो करोड़, मगध हाइटेक वायर्स ने 1.25 करोड़ व रॉयल प्रीमियम एंड डेवलपर के निदेशक राजेश कुमार गुप्ता ने करीब तीन करोड़ रुपया निवेश किया. इस दौरान अनिल राय ने बैंक मैनेजर व उनकी पत्नी के खाते में करीब 82 लाख रुपया डाला. लेकिन उक्त रकम अन्य कंपनियों के निदेशकों को दे दिया गया. लेकिन बाद में रकम देना बंद कर दिया गया. विदित हो कि अनिल राय के खिलाफ छत्तीसगढ़ के पुरानी भिलई थाना में भी जालसाजी का केस दर्ज है और छतीसगढ़ पुलिस ने हाल में ही उसे गिरफ्तार किया था और अपने साथ ले गयी थी. फिलहाल वह छतीसगढ़ के दुर्ग कारा में है.
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