चीन के बाद भारत में भी बढ़ा कोरोना का खतरा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने की बैठक

जापान, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, चीन, अमेरिका जैसे देशों में कोरोना वायरस के मामलों में हालिया दिनों में बढ़ोतरी ने दुनियाभर की चिंता बढ़ा दी है. भारत में भी खतरे की घंटी बजने लगी है. जिससे केंद्र सरकार भी अलर्ट में आयी है. इधर कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एक हाई लेवल मीटिंग की. जिसमें स्वास्थ्य अधिकारी शामिल रहे.

मंडाविया की हाई लेवल मीटिंग में कई नेता हुए शामिल

स्वास्थ्य मंत्री दुनियाभर में कोरोना के बढ़ते मामलों पर विचार करते हुए आज कोरोना संक्रमण की स्थिति पर समीक्षा की. मंत्री की बैठक में स्वास्थ्य, आयुष, औषधि विभाग और जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक राजीव बहल, नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल तथा टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के अध्यक्ष एन एल अरोड़ा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जीनोम अनुक्रमण बढ़ाने का किया आग्रह

स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कोरोना वायरस के नये स्वरूप पर नजर रखने के लिए संक्रमित पाए गए नमूनों के जीनोम अनुक्रमण को बढ़ाने का आग्रह किया. राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि इस तरह की कवायद देश में वायरस के नये स्वरूप का समय पर पता लगाने में सक्षम होगी और आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को सुनिश्चित करेगी.

दुनियाभर में कोरोना की स्थिति चिंताजनक

कोरोना की सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती अभी भी दुनिया भर में बनी हुई है, जिसके लगभग 35 लाख मामले साप्ताहिक रूप से सामने आ रहे हैं. जापान, अमेरिका, कोरिया गणराज्य, ब्राजील और चीन में मामलों में अचानक आई तेजी को देखते हुए, भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम के माध्यम से वायरस के स्वरूपों पर नजर रखने के लिए संक्रमण के मामलों के नमूनों का पूरा जीनोम अनुक्रमण तैयार करना आवश्यक है.

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